भारत की ऐतिहासिक जीत!दुनिया की सबसे बड़ी और प्रभावशाली संस्था — संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को लेकर बड़ी खबर ने पूरे देश को गर्व और उत्सुकता से भर दिया है। सोशल मीडिया पर खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारत को आखिरकार UNSC का स्थायी सदस्य बना दिया गया है, और उसे फुल वीटो पावर भी मिल गई है!लेकिन सवाल उठता है — क्या यह खबर सच है या सिर्फ एक अफवाह? आइए विस्तार से जानते हैं पूरी सच्चाई, इसका इतिहास, और भारत के लिए इसका क्या मतलब है।

UNSC क्या है और इसमें स्थायी सदस्यता का मतलब क्या होता है?
भारत की ऐतिहासिक जीत!संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council), संयुक्त राष्ट्र (UN) की सबसे शक्तिशाली इकाई है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का काम करती है।इसमें कुल 15 सदस्य देश होते हैं —• 5 स्थायी सदस्य (P5): अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन• 10 अस्थायी सदस्य, जिन्हें हर दो
साल में चुना जाता है।स्थायी सदस्यता का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन देशों के पास “वीटो पावर” होती है। यानी अगर कोई भी प्रस्ताव (resolution) किसी एक स्थायी सदस्य को पसंद नहीं है, तो वह अकेले ही उसे रोक सकता है — चाहे बाकी सभी देश उसके पक्ष में क्यों न हों।
क्या भारत को वास्तव में मिली है UNSC की स्थायी सदस्यता?
भारत की ऐतिहासिक जीत!अब आते हैं सबसे अहम सवाल पर — क्या भारत को सच में UNSC का स्थायी सदस्य बना दिया गया है?भारत की ऐतिहासिक जीत!दरअसल, इस खबर की आधिकारिक पुष्टि अभी तक संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर से नहीं की गई है।वायरल खबरें और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कई देशों ने भारत को स्थायी सदस्य के रूप में समर्थन दिया है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
हालांकि, यह भी सच है कि भारत की दावेदारी पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत हो चुकी है।पिछले कुछ वर्षों में भारत ने:• वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक ताकत साबित की है,• दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाई है,• और अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में सबसे ज़्यादा सैनिक भेजने वाला देश बन चुका है।
भारत की UNSC सदस्यता की लड़ाई: एक लंबा सफर
भारत की UNSC में स्थायी सदस्यता की मांग नई नहीं है।
1945 में जब संयुक्त राष्ट्र बना, तब भारत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी, लेकिन उस समय देश आज़ाद नहीं था।
1950 और 1960 के दशक में कई मौकों पर भारत को स्थायी सदस्य बनाने के प्रस्ताव आए, लेकिन भू-राजनीतिक कारणों से यह संभव नहीं हो सका।भारत की ऐतिहासिक जीत!
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को एक समय अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने इस सीट के लिए समर्थन दिया था, लेकिन नेहरू ने कहा — “यह सीट भारत के बजाय चीन को मिलनी चाहिए, क्योंकि एशिया का प्रतिनिधित्व वही करेगा।”
उस फैसले का असर आज भी महसूस किया जाता है, क्योंकि चीन आज UNSC का एक ताकतवर स्थायी सदस्य है।

क्यों जरूरी है भारत का स्थायी सदस्य बनना?
भारत आज विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, और एक परमाणु शक्ति है।इतना ही नहीं, भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सबसे अधिक योगदान देने वाले देशों में से एक है।फिर भी, भारत के पास अभी तक UNSC में वीटो पावर या स्थायी सीट नहीं हैभारत की ऐतिहासिक जीत!।यह एक बड़ा असंतुलन है क्योंकि आज की दुनिया 1945 जैसी नहीं है।अब शक्ति-संतुलन बदल चुका है और विकासशील देशों की आवाज़ ज़्यादा मायने रखती है।अगर भारत को स्थायी सदस्यता मिलती है, भारत की ऐतिहासिक जीत!तो इससे:• एशिया को बेहतर प्रतिनिधित्व मिलेगा,• वैश्विक फैसलों में भारत की भूमिका निर्णायक बनेगी,• और भारत अपने हितों की रक्षा वीटो पावर से कर सकेगा।
भारत को समर्थन देने वाले देश
भारत की ऐतिहासिक जीत!पिछले कुछ सालों में भारत को अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है।• अमेरिका, फ्रांस, रूस, और ब्रिटेन खुले तौर पर भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं।• यहां तक कि जापान, जर्मनी, ब्राजील और कई अफ्रीकी देशों ने भी भारत का साथ दिया है।• “G4 ग्रुप (India, Germany, Japan, Brazil)” मिलकर संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग कर रहा है।भारत की ऐतिहासिक जीत!चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है या अप्रत्यक्ष रूप से विरोध किया है।कहा जाता है कि चीन नहीं चाहता कि भारत को वही अधिकार मिलें जो उसके पास हैं।
सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर
भारत की ऐतिहासिक जीत!हाल ही में सोशल मीडिया पर “भारत को मिला फुल वीटो पावर” वाली खबर वायरल हुई।लोगों ने इसे ऐतिहासिक जीत मानकर जश्न भी मनाया, लेकिन बाद में यह साफ हुआ कियह खबर किसी आधिकारिक स्रोत से नहीं आई थी।UN या किसी बड़े देश ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि भारत को वीटो पावर मिल गई है।असल में, यह खबर भारत की UNSC सुधार की मांग और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बाद फैली अफवाह थी।लोगों ने इसे “घोषणा” मान लिया, जबकि यह अभी तक कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना हैभारत की ऐतिहासिक जीत! कि भारत का UNSC स्थायी सदस्य बनना अब समय की मांग है, लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं है।UN के चार्टर में संशोधन करना होगा, और इसके लिए सभी 5 स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी है।जब तक चीन या कोई अन्य सदस्य वीटो नहीं हटाता, यह फैसला रुक सकता है।हालांकि, जिस गति से भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हो रही है —2030 तक भारत का UNSC में स्थायी सदस्य बनना संभव माना जा रहा है।
भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका
भारत आज सिर्फ एक “उभरती शक्ति” नहीं, बल्कि एक निर्णायक वैश्विक खिलाड़ी बन चुका है।• G20 की अध्यक्षता• चंद्रयान-3 की सफलता• डिजिटल इंडिया की लहर• और “ग्लोबल साउथ” के देशों की आवाज़ बनने की भूमिकाइन सबने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को ऊंचा किया है।इसी वजह से अब अधिकतर देश मानते हैं कि UNSC जैसी संस्था का बिना भारत के पूर्ण होना संभव नहीं है।
जीत अभी बाकी है, लेकिन भविष्य भारत का है
भारत की ऐतिहासिक जीत!क्या भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाकर वीटो पावर दे दी गई है?नहीं, अभी तक आधिकारिक तौर पर ऐसा नहीं हुआ है।लेकिन यह भी सच है कि भारत आज उस मुकाम पर है जहां यह लक्ष्य पहले से कहीं ज्यादा करीब है।भारत की कूटनीति, ताकत और वैश्विक छवि लगातार बढ़ रही है —और बहुत जल्द वह दिन आ सकता है जब दुनिया आधिकारिक तौर पर कहेगी:“भारत अब सिर्फ एक आवाज़ नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति का केंद्र है।”
अभी यह ‘खबर’ नहीं बल्कि ‘संकेत’ है — कि आने वाला दशक भारत का होगा, और UNSC की स्थायी सीट उसका हक़। 🇮🇳