भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ हटाया जाएगा! | ट्रंप का 50% टैरिफ उन्हीं पर भारी पड़ा

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध (India-US Trade War) पिछले कुछ सालों में सुर्खियों में रहा है। खासकर तब, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ऐडोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ (Import Tariff on Indiaऐ) लगाने का फैसला किया। उनका मानना था कि इससे भारत आर्थिक दबाव में आ जाएगा और अमेरिका के लिए व्यापारिक फायदे बढ़ेंगे।लेकिन नतीजा बिल्कुल उल्टा हुआ। यह टैरिफ न सिर्फ भारत पर हल्का साबित हुआ, बल्कि अमेरिकी कंपनियों और किसानों पर भारी पड़ गया। हालात इतने बिगड़े कि ट्रंप को आखिरकार घोषणा करनी पड़ी—भारत से 24 घंटे के भीतर टैरिफ हटा दिया जाएगा।

ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत पर असर

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफट्रंप ने अपने कार्यकाल में कई देशों पर आयात शुल्क (Import Tariff) लगाया।• भारत के स्टील, एल्युमिनियम, टेक्सटाइल और आईटी प्रोडक्ट्स पर सीधा असर पड़ा।• 50% टैरिफ लगने से अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पाद महंगे हो गए।• ट्रंप का आरोप था कि भारत “फेयर मार्केट एक्सेस” नहीं देता और अमेरिकी कंपनियों को घाटा होता है।लेकिन भारत ने तुरंत नई रणनीति बनाई। सरकार ने कहा कि यह टैरिफ भारत को कमजोर नहीं करेगा बल्कि आत्मनिर्भरता और नए व्यापारिक समझौते को बढ़ावा देगा।

भारत की रणनीति: आत्मनिर्भरता और नए बाजार

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफआर्थिक नीति मजबूत की।• आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat) को गति दी गई।• एशियाई देशों, यूरोप, अफ्रीका और खाड़ी देशों के साथ व्यापार बढ़ाया गया।• भारत ने अमेरिकी निर्भरता घटाकर नए बाजारों पर फोकस किया।नतीजतन, भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित असर पड़ा जबकि अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

अमेरिकी कंपनियों और किसानों पर पड़ा असर

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ ट्रंप का टैरिफ हथियार अमेरिका के लिए खुद नुकसानदेह साबित हुआ।• गूगल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और वॉलमार्ट जैसी अमेरिकी कंपनियां पहले से ही भारत में बड़े निवेश कर चुकी थीं।• टैरिफ के कारण उनके कारोबार की लागत बढ़ गई।• अमेरिकी किसान, जो सोयाबीन, बादाम और अन्य कृषि उत्पाद भारत को निर्यात करते थे, उन्हें बड़ा झटका लगा।इस वजह से अमेरिकी उद्योग जगत ने व्हाइट हाउस पर दबाव बढ़ाया कि भारत से टैरिफ तुरंत हटाया जाए।

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ ट्रंप का टैरिफ हथियार अमेरिका के लिए खुद नुकसानदेह साबित हुआ।
• गूगल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और वॉलमार्ट जैसी अमेरिकी कंपनियां पहले से ही भारत में बड़े निवेश कर चुकी थीं।
• टैरिफ के कारण उनके कारोबार की लागत बढ़ गई।
• अमेरिकी किसान, जो सोयाबीन, बादाम और अन्य कृषि उत्पाद भारत को निर्यात करते थे, उन्हें बड़ा झटका लगा।
इस वजह से अमेरिकी उद्योग जगत ने व्हाइट हाउस पर दबाव बढ़ाया कि भारत से टैरिफ तुरंत हटाया जाए।

कूटनीति में भारत की जीत

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ भारत ने इस मुद्दे को केवल आर्थिक स्तर पर नहीं छोड़ा, बल्कि कूटनीतिक मंच (Diplomatic Pressure) पर भी मजबूती से रखा।• WTO (विश्व व्यापार संगठन) में भारत ने अमेरिका के खिलाफ आवाज उठाई।• यूरोपीय संघ और एशियाई देशों ने भी भारत का समर्थन किया।• भारत ने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ जारी रहा, तो वह अमेरिकी उत्पादों पर कड़ा कर लगाएगा।इस रणनीति का असर हुआ और ट्रंप प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा।,

ट्रंप की घोषणा: 24 घंटे में हटेगा टैरिफ

भारत से 24 घंटे के अंदर टैरिफ 7आखिरकार ट्रंप को मानना पड़ा कि भारत-अमेरिका व्यापार युद्ध (India-US Trade Conflict) में अमेरिका को ही घाटा हो रहा है।• अमेरिकी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि इस टैरिफ से GDP पर नकारात्मक असर पड़ा।• व्यापार घाटा घटने के बजाय और बढ़ गया।• एशिया में अमेरिकी प्रभाव कमजोर हो रहा था।इन कारणों से ट्रंप ने घोषणा की—भारत से

24 घंटे के अंदर टैरिफ हटा दिया जाएगा।वैश्विक संदेश और भारत की मजबूती

वैश्विक संदेश और भारत की मजबूती

यह पूरा घटनाक्रम भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करता है।
• भारत अब सिर्फ उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार का प्रमुख स्तंभ (Key Pillar of Global Trade) है।
• अमेरिका जैसी महाशक्ति भी भारत को दरकिनार करके आगे नहीं बढ़ सकती।
• आत्मनिर्भरता और बहुपक्षीय रिश्ते ही भारत की असली ताकत हैं।

निष्कर्षट्रंप का 50% टैरिफ भारत को कमजोर करने के लिए लगाया गया था, लेकिन यह फैसला उल्टा पड़ गया। भारत ने न सिर्फ इस चुनौती का सामना किया बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी ताकत साबित कर दी।आज की हकीकत यह है कि भारत को नजरअंदाज करना किसी भी देश के लिए संभव नहीं। यही वजह है कि ट्रंप को झुकना पड़ा और एलान करना पड़ा—24 घंटे के अंदर भारत से टैरिफ हटेगा।👉 यह भारत की आर्थिक मजबूती, कूटनीतिक कुशलता और आत्मनिर्भरता की जीत है।

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