GRAP-3 दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में! पूरे NCR में GRAP-3 लागू, जानिए इसका क्या मतलब है

GRAP-3 दमघोंटू हवा और बढ़ती चिंतासर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में आ गया है। इस साल पहली बार दिल्ली की हवा ‘गंभीर (Severe)’ श्रेणी में दर्ज की गई है। हवा में घुला धुआं, धूल और जहरीले कण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहे हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि कमीशन फॉर

एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (4CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण — यानी GRAP-3 लागू कर दिया है।यह सिर्फ एhttps://www.youtube.com/@pgTpuzzleक चेतावनी नहीं बल्कि एक आपातकालीन कदम है ताकि बढ़ते प्रदूषण पर तुरंत रोक लगाई जा सके। लेकिन सवाल उठता है — GRAP-3 है क्या? इसे लागू करने से क्या फर्क पड़ेगा? और आम लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? आइए विस्तार से समझते हैं।

GRAP-3 दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में! पूरे NCR में GRAP-3 लागू, जानिए इसका क्या मतलब है

दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में — क्या है इसका मतलब?

GRAP-3दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार पहुंच गया है, जो “Severe” श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा बेहद खतरनाक स्तर पर है।• PM 2.5 और PM 10 जैसे कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि वे सीधे फेफड़ों में जाकर सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जलन और यहां तक कि हृदय रोगों तक का कारण बन सकते हैं।• WHO के अनुसार, 50 से नीचे AQI “अच्छा” माना जाता है, जबकि 400 से ऊपर “गंभीर खतरे” की श्रेणी में आता है।इस स्तर पर स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार महसूस करने लगते हैं, जबकि बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों के लिए यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

GRAP-3 क्या है और क्यों लागू किया गया?

GRAP यानी Graded Response Action Plan, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर के आधार पर चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाने वाला एक आपातकालीन उपाय है।यह योजना 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लागू की गई थी, ताकि प्रदूषण बढ़ने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके। इसमें चार चरण हैं:• GRAP-1: AQI “खराब” (Poor)

होने पर लागू होता है।• GRAP-2: AQI “बहुत खराब” (Very Poor) होने पर।• GRAP-3: AQI “गंभीर” (Severe) श्रेणी में पहुंचने पर।• GRAP-4: AQI “गंभीर प्लस” (Severe Plus / Emergency) स्थिति में।फिलहाल GRAP-3 लागू किया गया है क्योंकि प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर तक पहुंच चुका है।

GRAP-3 के तहत क्या-क्या पाबंदियां लगाई गईं?

GRAP-3 लागू होते ही दिल्ली और NCR के सभी इलाकों में सख्त नियम लागू हो जाते हैं। इनमें शामिल हैं:• निर्माण कार्यों पर रोक:• सड़कों, इमारतों, पुलों और सरकारी परियोजनाओं में निर्माण रोक दिया गया है (जरूरी प्रोजेक्ट्स को छोड़कर)।• औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण:• ऐसे उद्योग जो प्रदूषणकारी ईंधन (जैसे कोयला या डीजल) का

इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है।• वाहनों पर सख्ती:• पुराने डीजल वाहनों पर रोक।• NCR में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों का संचालन बंद।• ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध (जरूरी सामान ले जाने वालों को छोड़कर)।• सड़क की धूल पर नियंत्रण:• सड़कों की नियमित सफाई और पानी का छिड़काव।• निर्माण स्थलों पर डस्ट कंट्रोल उपाय लागू करना अनिवार्य।• जागरूकता अभियान:• लोगों को मास्क पहनने, घर में रहने और निजी वाहनों का कम उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

NCR के सभी शहरों में अलर्ट

GRAP-3गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ में पहुंच चुकी है।प्रशासन ने सभी नगर निगमों, स्कूलों और ऑफिसों को अलर्ट जारी किया है।कई स्कूलों ने बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी हैं।

प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?

GRAP-3दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ एक दिन या एक कारण से नहीं बढ़ता — इसके पीछे कई वजहें हैं:• पराली जलाना: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फसलों के अवशेष जलाने से दिल्ली की हवा में स्मॉग बढ़ता है।• वाहन उत्सर्जन: NCR में 1 करोड़ से ज्यादा वाहन चलते हैं, जो प्रदूषण का बड़ा स्रोत हैं।• निर्माण कार्य और धूल: लगातार निर्माण और सड़क धूल वायु में PM 10 स्तर बढ़ाते हैं।• मौसमी परिवर्तन: सर्दियों में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषक कण हवा में फंस जाते हैं।• औद्योगिक गतिविधियाँ: NCR के आसपास के इलाकों में हजारों छोटे-बड़े उद्योग जहरीला धुआं छोड़ते हैं।

सेहत पर असर — सिर्फ सांस की नहीं, दिल की भी बीमारी

GRAP-3गंभीर’ श्रेणी की हवा में लगातार रहने से शरीर पर गहरा असर पड़ता है:• फेफड़ों की कार्यक्षमता घटती है• आंखों, नाक और गले में जलन• अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों में अटैक की संभावना• बच्चों और बुजुर्गों में इम्युनिटी कमजोर• लंबे समय तक संपर्क से हृदय और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता हैडॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि सुबह-शाम बाहर न निकलें, खासकर जॉगिंग या साइक्लिंग जैसी गतिविधियों से बचें।

नागरिक क्या करें? — आपकी भूमिका सबसे अहम

GRAP-3 सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।कुछ आसान कदम अपनाकर आप भी इसमें योगदान दे सकते हैं:• कारपूल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।• घर में एयर प्यूरीफायर या पौधे लगाएं जैसे एलोवेरा, पीस लिली और स्नेक प्लांट।• कूड़ा या सूखी पत्तियां न जलाएं।• मास्क पहनें, खासकर बाहर जाते समय।• बच्चों और बुजुर्गों को घर में रखें जब AQI 400 से ऊपर हो।

आ1गे क्या? GRAP-4 की चेतावनी

अगर आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और बिगड़ती है, तो प्रशासन GRAP-4 लागू कर सकता है।इसमें दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पूरी तरह बंद, स्कूल-कॉलेज बंद, और निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध जैसी सख्त कार्रवाई शामिल है।CAQM ने साफ किया है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो GRAP-4 किसी भी समय लागू किया जा सकता है।

सांस लेना हक़ है, लेकिन अब संघर्ष बन गया है”

दिल्ली 1की हवा का ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि हमारे भविष्य के लिए खतरे की घंटी है।हर साल सर्दियों में यह कहानी दोहराई जाती है — पर समाधान अभी भी अधूरा है।सरकारें योजनाएं बना रही हैं, लेकिन जब तक जनता भी अपनी भूमिका नहीं निभाती, तब तक यह संकट खत्म नहीं होगा।अब वक्त है कि हम सब मिलकर हवा को बचाने का संकल्प लें — क्योंकि सांसें अब कीमती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. GRAP-3 कब लागू किया जाता है?जब AQI 400 से ऊपर यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है, तब GRAP-3 लागू किया जाता है

।Q2.क्या स्कूल बंद होंगे?GRAP-3 में स्कूल बंद करने का निर्णय राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है।यदि प्रदूषण बढ़ता हैतो GRAP-4 में स्कूलों को बंद किया जा सकता है।

Q3. क्या निजी वाहनों पर भी रोक है?पुराने और डीजल वाहनों पर रोक है। बाकी वाहनों से निवेदन किया गया है कि कम से कम बाहर निकलें।

Q4. क्या GRAP-3 पूरे NCR में लागू है?हाँ, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत पूरे NCR क्षेत्र में GRAP-3 लागू है।

Q5. क्या हवा में सुधार की संभावना है?मौसमी हालात और सरकारी कदमों पर निर्भर करता है। बारिश या तेज हवा चलने पर अस्थायी सुधार संभव है।

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